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समाज का दोगला चरित्र यह अत्यन्त भयावह होगा। मन में कुछ मुख में कुछ रब मिल जायेगा यह ज़िन्दगी मैं सुरक्षित कहां हम जाएं साँस अहसास

Hindi यह अंधा स्वार्थ कहां ले जायेगा Poems