कोलाहल अब है, श्वेत कपोत के गगन में, कोलाहल अब है, श्वेत कपोत के गगन में,
ढूंढते रहो सही रास्ता मिलेगा, रिश्ता भी मिल जाएगा। रब्बा को बुलालो, खींच लो उसे तेरी ढूंढते रहो सही रास्ता मिलेगा, रिश्ता भी मिल जाएगा। रब्बा को बुलालो, खीं...
यह ज़िन्दगी यह ज़िन्दगी
ना माँ की कोख में ना लोगों की सोच में ना घर के आँगन में ना पाठशाला के प्रांगण में ना माँ की कोख में ना लोगों की सोच में ना घर के आँगन में ना पाठशाला के...
चूं चूं करती चिड़िया रानी करती मुझसे बातें, कहती यही कहानी, घर तुम्हारा बड़ा ही प्यारा चूं चूं करती चिड़िया रानी करती मुझसे बातें, कहती यही कहानी, घर तुम्हारा बड़...
है वो मेरी दुआओं में, और मैं उसकी, हाँ यह बात सही है। है वो मेरी दुआओं में, और मैं उसकी, हाँ यह बात सही है।